Friday, December 22, 2023

December 2023

 


उस साल भी तो  हम दिसंबर में ही मिले थे न। वो पहला साल मेरा अपने शहर अपने लोगो से दूर। वो पहला साल एक नए शहर में। एक पहला साल कुछ अलग सा दिसंबर। देखो इस बार भी फिर वैसे ही मैं इस दिसंबर मे ही तुमसे और उस शहर से दूर हो रही। दूर हो रही फिर वैसे ही जैसे चार साल पहले मैं इस शहर और अपनो से दूर हुई थी। 

 शायद कुछ नया आने से पहले अपने से और खासकर उस शहर से दूर होना जरूरी है। 

लेकिन इस बार मैं पहले की तरह नही रो रही।  नहीं हूँ उदास क्योंकि इसबार न अपने आपको खुश करना जानती हूँ मैं, 

खुश हूँ मैं अपने आप से।।


UNWANTED CLOSURE..

Some chapters close quietly, without warning or final words, and some connections simply fade with time because life moves us in different d...